कर्जमाफी में कमाल, 10 साल पहले मर चुके लोगों के नाम पर भी कर्जे

राष्ट्रीय            Feb 19, 2019


उमरिया से सुरेंद्र त्रिपाठी।
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में जय किसान ऋण माफी योजना कई ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं जिनमें कई ऐसे मृतकों के नाम पर कर्ज है जो सालों पहले इस दुनिया से विदा हो चुके हैं और जिन्होंने कर्जा भी नहीं लिया।

इसी प्रकार कुछ ऐसे मामले हैं जिनमें किसान कर्ज चुका चुके हैं। घोटाले को प्रमुखता से उठाये जाने पर किसानों के ऊपर फर्जी ऋण बना कर समिति प्रबंधक एवं कंप्यूटर आपरेटर के द्वारा किये जा रहे घोटाले की जांच होने का मामला सामने आया है।

13 करोड़ 88 लाख 42 हजार 5 रूपये का घोटाले की अब जांच कराई जा रह है। इस मामले की एफआईआर भी कराई गई है।

उमरिया जिले में जय किसान ऋण माफी योजना में हुए घोटाले का किसानों के द्वारा लगातार दिए जा रहे आवेदन के बाद खबर में प्रमुखता से उठाये जाने के बाद जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नीद से जागा और जांच दल बना कर सेवा सहकारी समिति पडवार की जांच करवाया तो सामने आया 13 करोड़ 88 लाख 42 हजार 5 रूपये का बड़ा घोटाला।

ग्राम सुखदास के किसान जग जीवन चौधरी बताये कि जो कभी सहकारी बैंक में ऋण लेने कभी नहीं गया। उसका भी नाम है कई तो जीवित ही नहीं हैं 10 साल 20 साल पहले मर चुके हैं जैसे भूखन चौधरी, ओमकार सिंह, सेम्मा प्रजापति, शिव राज सिंह हैं।

इनकी मौत कई साल पहले हो चुकी है और कभी कर्ज ही नहीं लिया उनके नाम पर कर्ज है, हम चाहते हैं कि जांच सही हो और अगर हम झूठ बोलते हैं तो हमारे ऊपर भी मुकदमा कायम किया जाये।

जब इस मामले में सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं आरती पटेल से बात की गई तो उनका कहना है कि 13 करोड़ 88 लाख का घोटाला नहीं है जब उनका सही ढंग से ब्याज लगाया गया तो 12 करोड़ के लगभग राशि हो रही है। पडवार सोसायटी का एफ आई आर प्रोसेस में हैं जांच प्रतिवेदन उप संचालक कृषि के माध्यम से एस पी साहब को भेजा जा रहा है।

यह तो रहा एक समिति का मामला अब ज़रा सेवा सहकारी समिति चिल्हारी और पनपथा की तरफ भी नजर डालें तो वहां और भी ज्यादा घोटाला नजर आ रहा है।

सेवा निवृत्त शिक्षक जगदीश प्रसाद पयासी जी का कहना है कि मैं जो ऋण लिया था उसको चुकता कर चुका हूँ। 18 मार्च के पूर्व दे चुका हूँ और प्रमाण पत्र भी मिल चुका है।

वहीं हरकेश जायसवाल का कहना है कि मैं 10 हजार एक बार लिया 5 हजार एक बार लिया हूँ और दे भी चुका हूँ उसके बाद हमारे नाम 44 हजार 277 रुपये का कर्ज है, हमारा बीमा का 4300 रुपया है और हमारा पैसा भर कटता है, हम लोगों को आज तक बीमा का पैसा नहीं दिया गया, ये सरासर फर्जी है।

वहीं सेवा सहकारी समिति चिल्हारी के अंतर्गत आने वाले ग्राम महारोई के किसान राजीव चतुर्वेदी और चन्द्र प्रताप चतुर्वेदी उमरिया जिला मुख्यालय आकर जिले के कलेक्टर और उप पंजीयक सहकारिता को लिखित शिकायत देकर चिल्हारी समिति के जांच की मांग किये और कहे कि वहां के प्रबंधक जगदीश प्रसाद तिवारी के द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया गया है।

डेढ़ एकड जमीन वाले को 2 लाख और 10 एकड़ जमीन वाले को 10 हजार रुपया ऋण दिया गया है। जब जानकारी मांगी कि हमारा नाम कैसे है तो बताया गया कि बन जाएगा फर्जी ऋण माफी का नाम लिखा गया है, हम इसकी शिकायत यहाँ कर चुके हैं अब ई ओ डब्ल्यू को भी कर रहे हैं। वहीं चन्द्र प्रताप चतुर्वेदी कहे कि प्रबंधक द्वारा फर्जी ऋण माफी का नाम लिखा गया है और किसानो का शोषण किया जा रहा है उसी की शिकायर करने आये हैं।

जब उप पंजीयक सहकारिता आरती पटेल से चिल्हारी और पनपथा के मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो भी शिकायत कार्यालय में आती है उसकी जांच करवाई जाती है वहीं सहकारिता निरीक्षक एम् के निगम के द्वारा गलत जांच किये जाने के बारे पूंछा गया तो कहीं कि जो भी जांच करता है उसको प्रतिवेदन देना पड़ता है।

गौरतलब है कि जिले के कलेक्टर अमर पाल सिंह किसी भी मामले में बात करने से किनारा काटते हैं जिससे ऐसा लगता है कि उमरिया जिला कहीं घोटालों का जिला न बन जाय।

 



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