मल्हार मीडिया भोपाल।
भारत भवन के चालीसवें स्थापना दिवस समारोह में बुंदेलखंड के गर्वीले माथे पर शिखर सम्मानों का टीका चमका। एक तरफ जहां सागर के गढ़ाकोटा में जन्मे भोपाल के एनसाइक्लोपिडिया कहे जाने वाले श्री देवीशरनका सम्मानद हुआ। वहीं बुंदेली लोकसंस्कृति,के प्रतीक एकमात्र अलगोजा वादक श्री बाबूलाल भोला को शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया।
भारत भवन मुक्ताकाश मंच पर संपन्न हुए गरिमामय आयोजन में राष्ट्रीय कालिदास सम्मान और राज्य शिखर सम्मान से विभिन्न श्रेणियों में कलाकारों साहित्यकारों और रंगकर्मियों को सम्मानित किया गया।
रूपंकर कलाएँ के लिए राष्ट्रीय कालिदास सम्मान गुजरात के श्री ज्योति भट्ट को वर्ष 2017, नई दिल्ली की सुश्री इरा चौधरी को 2018, नई दिल्ली के श्री परमजीत सिंह को 2019 और बड़ौदा के श्री ध्रुव मिस्त्री को वर्ष 2020 के लिए दिया गया। रंगकर्म के लिए राष्ट्रीय कालिदास सम्मान लखनऊ के डॉ. अनिल रस्तोगी को वर्ष 2019 और मुंबई के श्री वामन केंद्रे को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया।
राज्य शिखर सम्मान हिंदी साहित्य के लिए ग्वालियर के श्री शैवाल सत्यार्थी को वर्ष 2019 और भोपाल के श्री हरी जोशी को वर्ष 2020 के लिए दिया गया। इसी तरह उर्दू साहित्य के लिए भोपाल के श्री नईम कौसर को वर्ष 2019 और भोपाल के श्री देवीशरण को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया। संस्कृत साहित्य के लिए दतिया के डॉ. रामेश्वर प्रसाद गुप्ता को वर्ष 2019 और जबलपुर के प्रो. रहस बिहारी द्विवेदी को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया।
शास्त्रीय संगीत के लिए ग्वालियर के पं. प्रभाकर लक्ष्मण गोहदकर को वर्ष 2019 और भोपाल के पं. सज्जनलाल ब्रह्माभट्ट को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया। रूपंकर कलाएँ के लिए भोपाल के श्री देवी लाल पाटीदार को वर्ष 2019 और नई दिल्ली के श्री मनीष पुष्कले को वर्ष 2020 के लिए दिया गया।
नाटक के लिए भोपाल की सुश्री वैशाली गुप्ता को वर्ष 2019 और भोपाल के श्री के.जी. त्रिवेदी को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया।
जनजातीय एवं लोक कलाएँ के लिए भोपाल की श्रीमती अग्नेश केरकट्टा को वर्ष 2019 और श्रीमती पूर्णिमा चतुर्वेदी को वर्ष 2020 के लिए दिया गया। इसी तरह दुर्लभ वाद्य वादन के लिए राज्य शिखर सम्मान सागर के श्री बाबूलाल भोला को वर्ष 2019 और उज्जैन की डॉ. वर्षा अग्रवाल को वर्ष 2020 के लिए प्रदान किया गया।
समारोह के पहले दिन श्री संतोष संत के निर्देशन में स्वर वेणु गुरुकुल इंदौर के कलाकारों ने बांसुरी सप्तक की मधुर संगीतमयी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर निदेशक भारत भवन श्री अदिति कुमार त्रिपाठी सहित भारत भवन से जुड़े कलाकार, रंगकर्मी और बड़ी संख्या में आम जन उपस्थित थे।
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